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BRAMAKUMARI KAMALA, HEMA, ASHA VISIT
राजयोगिनी कमला, ब्रह्माकुमारी हेमा एवं आशा दीदी का शुभागमन
28 अप्रैल 2019 को शक्ति कुन्ज के उद्घाटन समारोह में, शक्ति स्वरूपा राजयोगिनी कमला दीदी जी क्षेत्रीय निर्देशिका रायपुर, मां समान अंचल को संवारती ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी जी इंदौर से, विघ्न तारणी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी जी भिलाई के साथ ब्रह्माकुमारी मंजू बहन बिलासपुर तथा ब्रह्माकुमारी ऊषा बहन इंदौर, ब्रह्माकुमारी मंजु बहन बिलासपुर का शुभागमन हुआ। सक्ती कुंज का उद्घाटन की उत्सव वेला में सारे विश्व को रोशन करने वाले इतने परवाने तथा सक्ती की माटी में पल्लवित हुए पुष्प, उड़कर आ जायेगें, शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। वे हैं समर्पित ब्रह्माकुमार, संतोष भाई आवास निवास विभाग शांतिवन, श्याम भाई कपड़ा धुलाई विभाग ज्ञान सरोवर, जयनारायण, द्वारका भाई मनमोहिनीवन तथा इन्दौर से रवीन्द्र भाई। ये 5 पाण्डव समर्पित भाई सक्ती सेवाकेन्द्र के कुल दीपक हैं। ब्रह्माकुमार संतोष भाई ने इन्टरनेट के माध्यम से हजारों लोगों को राजयोग का प्रशिक्षण दिया है। ब्रह्माकुमार संतोश चांपा समर्पित भाई ज्ञान सरोवर आबूपर्वत भी मिलन मेले मे सम्मिलित हुए। सक्ती उपवन से निकली समर्पित ब्रह्माकुमारी बहनों में लीना, उत्तरा, कांति, शकुन्तला, शिवकुमारी, पुष्पलता, गायत्री, ऊषा, गणेशी, शिवस्नेही, चमेली, शारदा इन बारह शिव शक्तियों का एक समूह है। शक्ति कुंज के घर आंगन की तुलसी ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन, ब्रह्माकुमारी शशि बहन के साथ साथ ब्रहमाकुमारी रूकमणी बहन ब्रहमाकुमारी बिन्दू बहन के सूझ-बूझ, दूरदर्शिता और अथक प्रयास को भुलाया नहीं जा सकता। निर्माण कार्य में हां जी का पाठ पढने वाले प्रेमशंकर, छेदीदास, विमल, सतीश, सहस भाई और सभी भाई बहनों की सहभागिता अपनी अपनी है। अतिथियों में भ्राता अमित पटेल एस.डी.ओ.पी, भ्राता अमर अग्रवाल संचालक रैन बसेरा, भ्राता लखनलाल सिंह उद्योगपति, भ्राता रामावतार भी उपस्थित थे। उन्होंने अपने आर्शीवचन में कहा कि भवन तो बहुत बनते हैं लेकिन वह भवन व स्थान जहां लोग सुख और शांति की अनुभूति करें, जिसके द्वारा लोगों को सच्चा मार्ग दर्शन मिलें, सुकूून मिलें, खुशी मिलें, परमात्मा की समीपता का अनुभव हो, जहां आकर के लोग उस आश्रय में मन को सुख दे सकें। यह शक्ति कुंज एक ऐसा ही भवन है। आप सभी कोटि-कोटि बधाई के पात्र हैं। यथा नाम तथा गुण को प्रमाणित करने वाली नगरी सक्ती में शक्ति कुंज का दर्शन और उसकी आध्यात्मिक शमा की प्रखरता सहज ही आत्मिक शक्ति की ऊर्जा से परमात्म दर्शन कराने वाला है। ये शमा दिव्य गुणों सेे भरपूर होकर विश्व बन्धुत्व की भावना से, चारों ओर सुख शांति पुर्नस्थापित करके इस धरा को पुनः स्वर्णिम युग सतयुग लाने में सहयोगी बनेगी। बस स्टेण्ड के मुख्य मार्ग में प्राप्त भूमि पर आध्यात्मिक संग्रहालय एवं उद्यान बनना प्रस्तावित है जोकि विश्व सेवा का एक साधन बनेगा।
दिनांक 27 अप्रैल 2019- चांपा भूमि भूजन में अतिथियों ब्रह्माकुमारी कमला, ब्रह्माकुमारी हेमा, ब्रह्माकुमारी आशा, ब्रह्माकुमारी ऊषा, ब्रह्माकुमारी रूकमणी, बहन मीरा पत्की महिला मोचा ,रमेश अग्रवाल अध्यक्ष नगर पालिका परिषद चांपा, प्रदीप नामदेव अध्यक्ष नवधा समिति, मनोज मितल अध्यक्ष चांपा सेवा संस्थान सम्मिलित हुए।
दिनांक 26 अप्रैल 2019- नवनिर्मित आध्यात्मिक ऊर्जा पार्क में ब्रह्माकुमारी हेमा, ब्रह्माकुमारी आशा दीदीयों का खुली जीप में बिठाकर भव्य स्वागत किया गया।
दिनांक 26 अप्रैल 2019- कटघोरा में भूमि भूजन में ब्रह्माकुमारी हेमा, ब्रह्माकुमारी आषा, ब्रह्माकुमारी ऊषा, ब्रह्माकुमारी रूकमणी, ब्रह्माकुमारी बिन्दु बहन, भ्राता रतन मितल पूर्व अध्यक्ष नगर पलिक परिषद कटघोरा, डिक्सेना अध्यक्ष नगर पलिक परिषद कटघोरा सम्मिलित हुए।
Jamnipali
SHRIMAD BHAGWAD GITA KATHA-BALGI
सात दिवसीय श्रीमद् भागवत गीता बल्गी में
बल्गीः12/12/2019-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व-विद्यालय के तत्वाधान में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत गीता का आयोजन दिनांक 11 दिसम्बर 2019 से 17 दिसम्बर तक दोपहर 3ः00 बजे से जे आर.सी. क्लब बल्गी के समीप किया गया है। कार्यक्रम का शुभारम्भ कलश यात्रा निकाल कर किया गया। ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन ने कहा कि हर कर्म का फल उसकी परछाई के साथ, उससे जुड़ा हुआ है। इसलिये उससे प्राप्त होने वाले फल की आश नहीं रखनी चाहिए। जो जितना समर्पण भाव और भावना के साथ कर्म करता है, उसका फल उतनी ही प्रालब्ध के साथ जुड़ जाता है। राजयोग की शिक्षायें श्रेष्ठ कर्म करने तथा नर से नारायण बनने का मार्ग प्रशस्त करती हैं। नष्टोमोहा बनने के साथ साथ अपनी भावना वृहद और सर्व के कल्याण प्रति कर्म करना ही, श्रेष्ठ कर्म की श्रेणी में गिना जायेगा। इसलिये भगवान ने अर्जुन को कहा कि इस पवित्र ज्ञान का प्रतिदिन अध्ययन कर जो श्रद्धा से सुनेगा और सुनायेगा, तो सर्व पापों से मुक्त हो और स्वर्ग में श्रेष्ष्ठतम प्रालब्ध का अधिकारी बनेगा।
बल्गीः16/12/2019-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व-विद्यालय के तत्वाधान में जे आर.सी. क्लब बल्गी के समीप आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत गीता में ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रीमद्भगवत गीता के अध्याय 6 ष्लोक 33-35 में अर्जुन बोले-हे मधुसूदन! जो यह योग आपने समभाव से कहा है, मन के चंचल होने से मैं इसकी नित्य स्थिति को नहीं देखता हूॅं। क्योंकि यह मन बड़ा चंचल प्रमथन स्वभाव वाला, बड़ा दृढ़़ और बलवान है। इसलिये उसको वश में करना मैं वायु को रोकने की भांति अत्यंत दुष्कर मानता हूॅं। श्री भगवन् बोले- हे महाबाहो! निःसन्देह मन चंचल और कठिनता से वष में होने वाला हैै। परन्तु हे कुन्तीपुत्र अर्जुन! यह अभ्यास और वैराग्य से वश में होता है।
आत्मा की शक्तियों का वर्णन करते हुए ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन ने कहा कि आत्मा इन कर्म इन्द्रियों का राजा अर्थात् मालिक है। मन-बुद्धि-संस्कार आत्मा की सूक्ष्म महामंत्री हैं। स्वराज्य अधिकारी बनने का विशेष साधन हैं मन और बुद्धि हैं। मन बुद्धि को आर्डर प्रमाण विधि पूर्वक कार्य में लगाने वाले ही निरन्तर योगी हैं। मन्त्र ही मन्मनाभव का है। योग को बुद्धियोग कहते हैं। स्वयं आत्म-निरीक्षण करो कि ये विषेश आधार स्तम्भ, स्वयं के अधिकार में हैं अर्थात्् आर्डर प्रमाण विधि-पूर्वक कार्य करते हैं। आप जो संकल्प जब करना चाहो, वैसा संकल्प कर सको। जहाॅं बुद्धि को लगाना चाहो वहां लगा सको। बुद्धि आप राजा को भटकाये नहीं। विधिपूर्वक कार्य करें तब कहेंगें, निरन्तर योगी। मन-बुद्धि सदा व्यर्थ सोचने से मुक्त हो। मन्मनाभव के मन्त्र का सहज स्वरूप हो। मन्सा शुभ भावना, श्रेष्ठ कामना, श्रेष्ठ वृत्ति और श्रेश्ठ वायब्रेषन से सम्पन्न हो। सहज राजयोग का आधार ही है। स्वच्छ मन और क्लीन और क्लीयर बुद्धि। मन में सदा हर आत्मा के प्रति शुभ-भावना और शुभ कामना हो- यह है स्वच्छ मन। अपकारी पर भी उपकार की वृत्ति रखना- यह है स्वच्छ मन। मन में व्यर्थ व निगेटिव के छोटे व बड़े दाग न हो। संस्कार इजी और मिलनसार हो। संसार सागर की विभिन्न वातावरण की लहरों को देख आपका मन विचलित न हो क्योंकि भावी अटल है और समय परिवर्तनशील है। जहां मैं पन आता हैं तो उसे प्रभु प्रसाद समझकर अर्पण कर दो तो अहंकार की उत्पत्ति नहीं होगी। कर्मातीत स्थिति का भाव है मुर्दा स्थिति अर्थात् मान, शान, निन्दा, स्तुति व सर्व आकर्षण से परे लगाव मुक्त, निर्लेप स्थिति। संसाधनों का उपयोग अवश्य करें लेकिन हमारी साधना व कर्मयोग की स्थिति हो। ऐसे बेहद के वैरागी ही सच्चे राजऋषि हैं।
ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन का स्वागत भ्राता अरविन्द पाटनवार, अयोध्या लहरे, रामराज, बहन संगीता, बहन पार्वती ने पुष्प गुच्छ से किया। बहन पार्वती, नेहा, कंचन, ब्रह्माकुमारी रीतांजलि भ्राता लक्ष्मीनारायण, गौतम, शांति, ने गीत और भजन की प्रस्तुति। कु.साची, कु.माही ने स्वागत नृत्य की प्रस्तुति की।
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ENERGY CONSERVATION DAY
उर्जा संरक्षण कार्यशाला एवं रैली का आयोजन
कोरबाः14.12.2019-विश्व सद्भावना भवन कोरबा से उर्जा संरक्षण जन जागृति रैली निकाली गई। अभियान रैली शा. हाई स्कूल रूमगराा पंहुचने पर विद्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया। डाॅ. के.सी. देबनाथ ने कहा कि आज युवाओं को जाग्रत होने की आवश्यकता है। आज हम यदि ठण्डे पानी से नहाते हैं तो अधिक स्फूर्ति का अनुभव करते हैं। आपने कहा कि जहां 9 वाॅट के एल.ई.डी से काम चल जाता है वहां 40 वाॅट की ट्यूब लाईट लगाने की क्या आवश्यकता है। साइकिल चलाने से शरीर की आंतरिक उर्जा बढ़ती है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है। साइकिल चलाने से वी.पी. और शुगर पर भी नियंत्रण प्राप्त होता है। बहन उशा नेताम प्राचार्या ने कहा कि प्रकृति से साथ रहना सीखें। शारीरिक व्यायाम से शरीर तो स्वस्थ होता ही लेकिन इसका प्रभाव मन पर भी पड़़ता है। हमें अपने उत्तरदायित्वों के प्रति सचेत रहना है। बिजली पानी की बचत करना है। ब्रह्माकुमारी आशा बहन ने कहा कि प्रकृति के तत्व जल, वायु, अग्नि आदि को देव की श्रेणी में गिना जाता। यदि प्रकृति के पांचों तत्वों को अपने सकारात्मक मन के प्रकम्पन और सम्मान की भावना देगें तो वे आपके सहयोगी बन जायेगें। ब्रह्माकुमारी मेघा ने का कि संकल्पों की उर्जा को पहचानों और उसे सही दिशा देने का प्रयास करो। जैसा हमारे विचार चलते हैं वैसा ही हम अपने जीवन का निर्माण करते हैं। आत्म संयम नियम ही जीवन की शोभा है। बहन विलक्षणा शर्मा व्याख्याता ने कहा कि उर्जा की बचत करने के लिये साधन और संसाधनों का उतना ही उपयोग करें जितना आवष्यक हैं। ब्रह्माकुमारी जितेश्वरी बहन ने राजयोग के अभ्यास से मनोबल को बढ़ाने का अभ्यास कराया। भ्राता उदयनाथ साहू व्याख्याता ने मंच का संचालन किया तथा कु. मोरवा लकडा 9वीे ने गीत की प्रस्तुति दी। ब्रह्माकुमार सहस, रोहित, देवेन्द्र ने भी अपने विचार व्यक्त किर्ये।
Korba
WORLD ROAD ACCIDENTS REMEBRANCE DAY
विश्व यादगार दिवस-सड़क दुर्गटना पीड़ितों की
स्मृति में कार्यक्रम सम्पन्न
कोरबाः22.11.2019-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के विष्व सद्भावना भवन टी.पी. नगर कोरबा में विश्व यादगार दिवस-सड़क दुर्घटना पीड़ितों की स्मृति में कार्यक्रम सड़क दुर्घटना में जीवन गंवाने वालों के लिये आत्मिक षांति तथा षोक संतप्त परिवारों को मानसिक संबल देने के लिये आयोजित किया गया। इस अवसर पर भ्राता डाॅ. के.सी. देवनाथ ने कहा कि बीमारी व नषे की हालत में वाहन नहीं चलाना चाहिये। आपने कहा कि रोड का अच्छा होना तथा वाहनों में खराबी न होना भी दुर्घटनाओं में कमी लाता है। भ्राता जी. साहू कार्यपालन अभियंता सी.एस.पी.जी.सी.एल कोरबा ने कहा कि वाहन चलाते समय यातायात नियमों पर ध्यान देना आश्यक है। इसके साथ बहुत आवश्यक हो तो वाहन को किनारे रोक कर मोबाईल पर बात करना चाहिए। ब्रह्माकुमारी पूजा बहन ने कहा कि वैसे तो आत्मा अजर अमर अविनाशी है जो कि षरीर रूपी कपड़े धारण करती है। लेकिन अचानक इसका दुर्घटना ग्रस्त होना बड़ा ही दर्दनाक होता है। ऐसी आत्माओं को शांति प्रदान करने तथा उनके परिवारों को संबल व शक्ति प्रदान करने के लिये हम सभी ईश्वर से प्रार्थना करेगें। भ्राता शेखरराम ने मंच का संचालन किया
ब्रह्माकुमारीज पाठशाला कटघोरा परिसर में आयोजित कार्यक्रम में भ्राता एफ.एल. रात्रे उच्च वर्ग शिक्षक पूर्व मा.शा. कटघोरा ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण है कि हम उन आत्माओं को शांति का दान देकर ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे भटकने से बच जायें और उनको फिर से जन्म मिलने में सहायक हो। भ्राता दीपक गर्ग शिक्षक पूर्व मा. शा. नगोई बछेरा ने कहा कि यह संसार एक आवागमन की स्टेज है, मृत्यु तो कुछ कारण से ही होती है लेकिन जब किसी की आकस्मिक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो वह बड़ी ही असहनीय और दर्दनाक होती है। आज इस श्रद्धांजली कार्यक्रम में हम सभी मिलकर उन सभी आत्माओं के लिये षांति के प्रकम्पन देगें। ब्रह्माकुमारी सैजल बहन ने कहा कि मन का शंात और संतुलित होना आवष्यक है। कहीं भी बाहर यात्रा पर निकलने के पहले अपने ईष्ट का स्मरण करके निकले तो अच्छा होगा, जिससे मन को शक्ति मिल जायेगी।