Jamnipali
RAJYOGI SUBODH SEN MOUNT ABU
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PARSHAD SAMMAN AND SHIVRATRI KATGHORA-JAMNIPALI
षिवरात्रि महोत्सव एवं पार्षद सम्मान समारोह
जमनीपाली- 24,02,20 प्रजापिता बह्याकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय के तत्वाधान में डायमण्ड जुबली भवन के सभागृह में षिवरात्रि महापर्व दीप प्रजवल्लित कर केक काटकर एवं षिवध्वज फहराकर मनाया गया। डॉ बी के मिश्रा ने कहा कि सबसे बडे चिकित्सक ये प्रकृति के 5 तत्व है। जिनका हमें भरपूर उपयोग करना चाहिए मेरा ये अनुभव है मैंने कई मरीजों को इस सलाह से ठीक किया है। मैं स्वयं प्रातः एक घण्टे साईकलिंग करता हूॅ और आज भी स्वस्थ्य महसूस करता हूॅ। डॉ डी के जैन ने कहा षिव के महत्तम महिमा के बारे मे वर्णन किया और षिवरात्रि महापर्व की सभी को बधाई दी। पार्षदगण बुधवार साय यादव एवं विजय साहू ने महाषिवरात्रि की षुभकामनाएं सभी को दी। ब्र कु बिन्दु बहन ने अपने आर्षीवचन मे कहा षिव जो है वो सर्वश्रेष्ठ और सर्वोच्च सत्ता हैै। जिसके स्मरण मात्र से ही कई जन्मो के पाप कट जाते हैं। बडी खुषी का विषय है कि वर्तमान समय पुरूर्षोत्तम संगमयुग चल रहा है। जबकि परमात्मा षिव अपने बच्चों सालिग्राम के साथ सर्व सम्बन्धों के साथ मिलन मना रहे है। भ्राता राजमीत सिंग भाटिया कु दिव्या, माही, हरप्रीत, मानसी, रंजु, हिमानी ने गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति दी।
ब्रह्याकुमारी पाठषला मेलाग्राउण्ड कटघोरा के प्रागंण मे नव निर्वाचित जनप्रतिनिधि नगरपालिका परिषद् कटघोरा का सम्मान मुकुट पहनाकर, श्रीफल एवं उपहार देकर किया गया। इसके साथ ही षिवरात्रि महोत्सव का पर्व भी धूमधाम से मनाया गया। भ्राता बजरंग पटेल उपाध्यक्ष ने कहा मुझे प्रसन्नता है कि ओमषंाति परिसर मे बुलाकर बहुत ही अच्छे ढंग से सम्मान किया गया। मै ओमषांति परिवार को हमेषा सहयोग जो भी बनेगा टूटा- फूटा व्यक्तिगत सहयोग भी करूंगा। भ्राता आत्माराम पटेल पार्षद वार्ड क्रं 13 ने कहा कि यह ओमषांति परिवार विष्व ष्षांति, विष्व बधुत्व लाने का कार्य कर रहा है, जो कि आने वाले समय मे निष्चित ही वृहत रूप लेगा। बहन अर्चना अग्रवाल पार्षद वार्ड क्रं 04 ने कहा किमुझे खुषी है कि मेरे वार्ड मे इतना बडा आश्रम बनने जा रहा है, मुझसे जो कुछ बनेगा भरपूर सहयोग करूंगी। भ्राता कोमल जयसवाल पार्षद एवं भ्राता कमलेष पटेल ने भी अपनी षुभकामना व्यक्त की। भ्राता गौतम ओरे ,कु. आकृति, कंचन मोरे ने तांडव नृत्य, और गीत की प्रस्तुति दी। ब्रह्याकुमारी गायत्री ने सहज राजयोग की अनुभूति कराई।
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SHRIMAD BHAGWAD GITA KATHA-BALGI
सात दिवसीय श्रीमद् भागवत गीता बल्गी में
बल्गीः12/12/2019-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व-विद्यालय के तत्वाधान में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत गीता का आयोजन दिनांक 11 दिसम्बर 2019 से 17 दिसम्बर तक दोपहर 3ः00 बजे से जे आर.सी. क्लब बल्गी के समीप किया गया है। कार्यक्रम का शुभारम्भ कलश यात्रा निकाल कर किया गया। ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन ने कहा कि हर कर्म का फल उसकी परछाई के साथ, उससे जुड़ा हुआ है। इसलिये उससे प्राप्त होने वाले फल की आश नहीं रखनी चाहिए। जो जितना समर्पण भाव और भावना के साथ कर्म करता है, उसका फल उतनी ही प्रालब्ध के साथ जुड़ जाता है। राजयोग की शिक्षायें श्रेष्ठ कर्म करने तथा नर से नारायण बनने का मार्ग प्रशस्त करती हैं। नष्टोमोहा बनने के साथ साथ अपनी भावना वृहद और सर्व के कल्याण प्रति कर्म करना ही, श्रेष्ठ कर्म की श्रेणी में गिना जायेगा। इसलिये भगवान ने अर्जुन को कहा कि इस पवित्र ज्ञान का प्रतिदिन अध्ययन कर जो श्रद्धा से सुनेगा और सुनायेगा, तो सर्व पापों से मुक्त हो और स्वर्ग में श्रेष्ष्ठतम प्रालब्ध का अधिकारी बनेगा।
बल्गीः16/12/2019-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व-विद्यालय के तत्वाधान में जे आर.सी. क्लब बल्गी के समीप आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत गीता में ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रीमद्भगवत गीता के अध्याय 6 ष्लोक 33-35 में अर्जुन बोले-हे मधुसूदन! जो यह योग आपने समभाव से कहा है, मन के चंचल होने से मैं इसकी नित्य स्थिति को नहीं देखता हूॅं। क्योंकि यह मन बड़ा चंचल प्रमथन स्वभाव वाला, बड़ा दृढ़़ और बलवान है। इसलिये उसको वश में करना मैं वायु को रोकने की भांति अत्यंत दुष्कर मानता हूॅं। श्री भगवन् बोले- हे महाबाहो! निःसन्देह मन चंचल और कठिनता से वष में होने वाला हैै। परन्तु हे कुन्तीपुत्र अर्जुन! यह अभ्यास और वैराग्य से वश में होता है।
आत्मा की शक्तियों का वर्णन करते हुए ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन ने कहा कि आत्मा इन कर्म इन्द्रियों का राजा अर्थात् मालिक है। मन-बुद्धि-संस्कार आत्मा की सूक्ष्म महामंत्री हैं। स्वराज्य अधिकारी बनने का विशेष साधन हैं मन और बुद्धि हैं। मन बुद्धि को आर्डर प्रमाण विधि पूर्वक कार्य में लगाने वाले ही निरन्तर योगी हैं। मन्त्र ही मन्मनाभव का है। योग को बुद्धियोग कहते हैं। स्वयं आत्म-निरीक्षण करो कि ये विषेश आधार स्तम्भ, स्वयं के अधिकार में हैं अर्थात्् आर्डर प्रमाण विधि-पूर्वक कार्य करते हैं। आप जो संकल्प जब करना चाहो, वैसा संकल्प कर सको। जहाॅं बुद्धि को लगाना चाहो वहां लगा सको। बुद्धि आप राजा को भटकाये नहीं। विधिपूर्वक कार्य करें तब कहेंगें, निरन्तर योगी। मन-बुद्धि सदा व्यर्थ सोचने से मुक्त हो। मन्मनाभव के मन्त्र का सहज स्वरूप हो। मन्सा शुभ भावना, श्रेष्ठ कामना, श्रेष्ठ वृत्ति और श्रेश्ठ वायब्रेषन से सम्पन्न हो। सहज राजयोग का आधार ही है। स्वच्छ मन और क्लीन और क्लीयर बुद्धि। मन में सदा हर आत्मा के प्रति शुभ-भावना और शुभ कामना हो- यह है स्वच्छ मन। अपकारी पर भी उपकार की वृत्ति रखना- यह है स्वच्छ मन। मन में व्यर्थ व निगेटिव के छोटे व बड़े दाग न हो। संस्कार इजी और मिलनसार हो। संसार सागर की विभिन्न वातावरण की लहरों को देख आपका मन विचलित न हो क्योंकि भावी अटल है और समय परिवर्तनशील है। जहां मैं पन आता हैं तो उसे प्रभु प्रसाद समझकर अर्पण कर दो तो अहंकार की उत्पत्ति नहीं होगी। कर्मातीत स्थिति का भाव है मुर्दा स्थिति अर्थात् मान, शान, निन्दा, स्तुति व सर्व आकर्षण से परे लगाव मुक्त, निर्लेप स्थिति। संसाधनों का उपयोग अवश्य करें लेकिन हमारी साधना व कर्मयोग की स्थिति हो। ऐसे बेहद के वैरागी ही सच्चे राजऋषि हैं।
ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन का स्वागत भ्राता अरविन्द पाटनवार, अयोध्या लहरे, रामराज, बहन संगीता, बहन पार्वती ने पुष्प गुच्छ से किया। बहन पार्वती, नेहा, कंचन, ब्रह्माकुमारी रीतांजलि भ्राता लक्ष्मीनारायण, गौतम, शांति, ने गीत और भजन की प्रस्तुति। कु.साची, कु.माही ने स्वागत नृत्य की प्रस्तुति की।
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TEACHERS DAY AND CONVOCATION
शिक्षक दिवस पर सम्मान एवं दीक्षान्त समारोह सम्पन्न
जमनीपालीः 06.09.2019- शिक्षक दिवस पर राजयोग केन्द्र साडा कालोनी जमनीपाली में षिक्षक सम्मान एवं अन्नामलाई विश्वविद्यालय से प्राप्त उपाधि का वितरण दीक्षान्त समारोह में किया गया। इस अवसर पर डाॅ. उमेष प्रसाद साहू, भ्राता के.बी.लाल, भ्राता शेखरराम सिंह, भ्राता उदयनाथ साहू तथा बहन अनसुईया साहू को एम.एस.सी की उपाधि देकर सम्मानित किया गया। भ्राता रामकुमार साहू अति. महाप्रबंधक एन.टी.पी.सी कोरबा ने कहा कि मूल्य शिक्षा एवं अध्यात्म में विभिन्न उपाधियां दूरस्थ शिक्षा में माध्यम सहज प्राप्त की जा सकती हैं। इसके साथ ही स्व प्रबंधन एवं आपदा प्रबंधन में एम.बी.ए. और अन्य पाठ्यक्रम चलाये जा रहें हैं। यह प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय का एक उत्तम प्रयास है। अंचल से आये शिक्षको को पुष्प गुलदस्ता, श्रीफल, पेन, स्लोगन देकर सम्मानित किया गया। मुख्य मंत्री षिक्षा गौरव जिला स्तर तथा अक्षय शिक्षा प्रकोष्ठ सम्मान राज्य स्तरीय से सम्मानित भ्राता नोहर चन्द्रा षिक्षक शा. प्रा. शाला कठमुरा ने कहा कि डिजिटल स्मार्ट शिक्षा से बच्चों का अध्ययन के प्रति रूचि बड़ी है और उनका सिलेक्शन नवोदय विद्यालय में भी हुआ है। ऐसा पाया गया है कि रविवार व अवकाश के दिन भी बच्चे विद्यालय में पाये जाते हैं। भ्राता कमल सिंह ठाकुर रिटा. वरि. षिक्षक ने कहा कि शिक्षक और गुरू की परिपाठी प्रारम्भ से चली आ रही है। पहले गुरूकुल में आचार्य अपने आचरण से शिक्षा दिया करते थे उन्हे जीवनयापन के साथ साथ स्वालम्बन की शिक्षा देते थे। बहन बिन्दु शिक्षिका डी पी एस. एन.टी.पी.सी. ने कहा कि पहले तो स्वयं का आत्मज्ञान होना आवश्यक है जिससे स्वयं खुष रहकर खुशी दूसरों को बांट सकेगें। ब्रह्माकुमारी रूकमणी बहन ने कहा कि नैतिक शिक्षाओं की धारणा के लिये आध्यात्म के आधार की आवष्यकता होती है। एक परमसत्ता परमात्मा की विशेष शक्ति से ही दिव्य गुणों की धारणा की जा सकती है। कहा भी जाता है कि जैसा संग वैसा रंग। सबसे उत्तम है परमात्मा का संग और उनके ज्ञान की धारणाओं का रंग। ब्रह्माकुमारी बिन्दु बहन ने कहा कि भारत मां के सपूत भारत रत्न डाॅ.सर्वपल्ली राधाकुष्णनन् के साथ मैं उपस्थित सभी शिक्षकों को नमन करती हूॅं। आपने कहा कि आध्यात्म इंसान को देवत्व की ओर ले जाती हैं जहां सुखी सम्पन्न जीवन और समरसता एकता भाईचारे का समाज है। आज की शिक्षा पद्धति में आध्यात्म का समावेश होना आवश्यक है। बहन लवलीन गांधी ने गुरूग्रंथ साहेब की गरूवाणी की विवेचना की। आदित्य सोनी तथा कु. कुचन ने स्वागत गीत की प्रस्तुती दी।