Korba
GURU PURNIMA KORBA

Korba
”ज्ञान मंथन अनुभूति” शृंखला, ब्रह्माकुमारी बिन्दु बहनजी, कोरबा, द्वारा, 21 /11/2020, 5.45 pm
Korba
LIVE 25-09-20,07.10 PM नैतिक शिक्षा का जीवन में महत्व -बीके भगवानभाई आबू आयोजक-कोरबा-(छत्तीसगढ़)
Korba
INTERNATIONAL MAHILA DIWAS

म्हिला दिवस पर परचिर्चा सम्पन्न
कोरबा 08.03.2020- आध्यात्मिक ऊर्जा पार्क परिसर में, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय के तत्वाधान में, अंतर्राश्ट्रीय महिला दिवस पर विशय नारी तू कल्याणी बन पर परिचर्चा आयोजित की गई। बहन रूकमणी नायर वरिश्ठ समाज सेविका ने कहा कि मेरा तो यह मानना है कि एक दिन नहीं, हर दिन ही नारीयों के लिये विषेश दिवस होता है। पचास कन्याओं का एक बालिका गृह है, जिसका देखरेख मैं करती हूं। इस बात का मुझे गर्व है कि मैं अपने प्रयास से उन्हें सुसंस्कारित कर पाउं। बहन रष्मि षर्मा महासचिव छ.ग.प्रां.अखण्ड ब्राह्मण समाज ने कहा कि मां ही बच्चों को अच्छे संस्कार देती है, लेकिन आज विडम्बना यह कि प्रथम गुरू कहलाने वाली माता को अपने ही बच्चों के साथ बैठने के लिये समय नहीं है। ब्रह्माकुमारी बिन्दु बहन ने कहा विष्व परिवर्तन में नारी षक्ति की एक अहंम भूमिका है। एक परिवार की वह बागवान वा माली है उसे सिंचित कर हरा भरा करने वाली एक महिला ही होती है। भ्राता डाॅ के.सी.देबनाथ ने कहा कि इतिहास इस बात साक्षी है जबकि नारियां स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़ी और नव चेतना जाग्रति करने की भूमिका निभाई। राश्ट्रकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपने साहित्य में वर्णन किया है कि नारी सृश्टिकर्ता का विषेश उपहार है। सृश्टि की सारी संवेदना उनमें समाई हुई है। भ्राता अनीश षर्मा ने कहा कि कोरबा में नारी षक्ति ऊर्जावान और सषक्त है, लेकिन युवाओं को विषेश सषक्त बनाने की आवष्यकता है। ब्रह्माकुमारी रूकमणी बहन ने अपने आषीश वचन में कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान में विषेश नारियों को सम्मान स्वयं विष्व पिता परमपिता षिव परमात्मा ने किया और विष्व परिवर्तन का ज्ञान कलश माताओं और बहनों के सिर पर रखा और उन्हें सम्मान दिया। तब से ही आध्यत्मिक क्षेत्र में महिलायें आगे आईं और आज विष्व में षांति और षक्ति का घ्वज लहरा रहीं है और एक दिन वे इस धरा पर स्वर्ग स्थापन करके ही छोड़ेगी। बहन अनुभा सिंह सहायक अभियंता सी.एस.पी.जी.सी.एल ने कहा कि नारी पिता की एक लाठी होती है, वह बुढ़ापे की एक सांत्वना है। नारियों का अपना महत्व है, मेरा तो यही कहना है कि नारियों को समस्याओं से भागना नहीं चाहिये लेकिन उसे हल करके आगे बढ़ना चाहिये। बहन पिंकू सिंघल ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा मंच का संचालन भ्राता षेखर राम सिंह ने किया।