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ब्रह्माकुमार शक्तिराज सिंह आबूपर्वत

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खुशियों का बिग बाजार शिविर का शुभारम्भ 09-11 जन.2019
ब्रह्माकुमार शक्तिराज सिंह आबूपर्वत के सानिध्य में त्रिदिवसीय सुपर माईण्ड-सुपर फ्यूचर, खुशियों का बिग बाजार शिविर के प्रातः कालीन सत्र का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित करके गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया। डाॅ.पी.एस. सिसोदिया जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरबा ने कहा कि कोरबा एक ऐसा अद्भुत शहर है जहां तनाव एक जीवन का हिस्सा बन गया है। वैसे हम अंधकार की परिभाषा प्रकाश का न होने से कर सकते हैं। आपके अंतःकरण में अनंत खुशियां व्याप्त हैं जिसको उभारने के लिये कोई मार्गदर्शक व प्रशिक्षक की आवश्यकता होती है। आज हमारे बीच उपस्थित शक्तिराज भाई हम सभी को उस रास्ते का मार्ग दर्शन करेंगे। डाॅ. के सी देबनाथ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि बड़े ही हर्श की बात है कि माउण्ट आबू से शक्तिराज भाई अपार खुशियों का बिग बाजार लेकर हमारे बीच आये हैं, हम कोरबावासी उनका हृदय से स्वागत करते हैं। ब्रह्माकुमारी रूकमणी बहन ने कहा कि मन की खुशी का आधार राजयोग का अभ्यास है। जितना आप स्वयं की आत्मिक स्थिति में स्थित होगें उतना ही देह और देह के संसार से उपराम होकर आत्मिक सुख और खुशी का अनुभव कर सकेगें। ब्रह्माकुमार शक्तिराज सिंह आबू पर्वत ने कहा कि खुशी के लिये काई रास्ता नहीं है, लेकिन खुशी स्वयं ही एक मार्ग है। हम इंतजार करते रहते हैं कि कार्य में सफलता होगी, वस्तु वैभव सम्पदा होगी तो हम खुशी का अनुभव करेंगें। संसाधन की उपलब्धता आराम अवष्य देती है, लेकिन खुशी नहीं। खुशी दुआओं से प्राप्त होती है। खुशी मन की संतुष्टता से प्राप्त होती है। वैसे तो हमारी आंखों के सामने सभी रंग उपलब्ध होते हैं लेकिन हमें वही रंग दिखलाई पड़ता है जिसका हम चुनाव करते हैं। जैसे हमने पीले रंग का चुनाव किया तो हमें पीले रंग से निर्मित वस्तुयें ही दिखलाई देंगी। 99 क्लब का मेम्बर बनने से हमारी सारी शक्तियां, उस एक को खोजने में समाप्त हो जाती हैं, जो हमारे पास नहीं है। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि जो वस्तु वैभव सम्पदा उपलब्ध हैं, उनका सुख लें और जो नहीं हैं उनका मातम नहीं मनायें। इच्छायें मृगतृष्णा के समान हैं जो मन की भटकन को पैदा करती है। आपने कहा कि मैं कोई खुशी की कहानी सुनाने नहीं आया हूॅं लेकिन सभी को अंतःकरण में छिपी खुशी के अम्बार खजाने का अनुभव कराने आया हूॅं। अपने भीतर जाईये तो भी आप तर जायेंगें। आपने कोरबा नगरवासीयों को निःषुल्क शिविर का लाभ लेने का निमंत्रण दिया। कु. नेहा वर्मा ने स्वागत गीत, कु. निषा ने स्वागत नृत्य तथा मंच का संचालन शेखरराम ने किया। 

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GURU PURNIMA KORBA

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”ज्ञान मंथन अनुभूति” शृंखला, ब्रह्माकुमारी बिन्दु बहनजी, कोरबा, द्वारा, 21 /11/2020, 5.45 pm

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LIVE 25-09-20,07.10 PM नैतिक शिक्षा का जीवन में महत्व -बीके भगवानभाई आबू आयोजक-कोरबा-(छत्तीसगढ़)

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