Korba
MATESHWARY JAGDAMBA SMRUTI DIVAS 2018
24 जून पुण्य स्मृति दिवस
प्रथम प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा को श्रद्धा सुमन अर्पित
कोरबाः24.06.2018- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय की प्रथम प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा की पुण्य स्मृति दिवस को विष्व सद्भावना भवन के सभागार कोरबा में मनाया गया। बहन हिमांषु जैन द्वितीय अपर एवं सत्र न्यायधीश, बहन उर्मिला गुप्ता मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी कोरबा, डाॅ. भ्राता जे पी ़िद्ववेदी महाप्रबधक एस.ई.सी.एल कोरबा, भ्राता रामकुमार साहू अपर महाप्रबंधक एन.टी.पी.सी, अविनाश तिवारी मुख्य चिकित्साधिकारी एन.सी.एच, एस.ई.सी.एल. कोरबा, एवं अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। बहन उर्मिला गुप्ता मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी कोरबा ने कहा कि मानव सेवा ही ईश्वरीय सेवा है। हर प्राणी के प्रति दया भाव होना चाहिए। आपने कहा कि प्रकृति का संतुलन बनाने में वृक्षों की एक बड़ी भूमिका है, जोकि जल का संचय करते हैं। सभी आज के दिन वृक्ष लगाने का संकल्प लें और उसका संरक्षण करें। इसके साथ उपभोक्तावादी नीति को न अपना कर अध्यात्म की राह पर चल कर, अपनी आवश्यकतओं को सीमित करें तभी आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ पर्यावरण दे सकेगें। यही मातेश्वरी जगदम्बा को सच्ची श्रद्धाजलि होगी। भ्राता जे पी ़िद्ववेदी महाप्रबधक एस.ई.सी.एल कोरबा ने कहा यह सभी को मालूम है कि देवी शक्ति उपस्थित है, बिना उसके कुछ भी नहीं चल सकता। कोई भी शक्ति चलायमान है, तो उसे शक्ति की आवश्यकता होती है। डाॅ. नागेन्द्र शर्मा ने कहा कि स्मृति दिवस हम सबका मनाते है, लेकिन आज हम मातेष्वरी जी की पुण्य स्मृति दिवस मना रहें हैं, जो ज्ञान, शक्ति और आर्शीवाद आज भी हम सभी को प्रदान कर रहीं हैं। भ्राता रामकुमार साहू अपर महाप्रबंधक एन.टी.पी.सी ने कहा कि 1937 में परमात्मा ने प्रजापिता ब्रह्मा दादा लेखराज को यह प्रेरणा दी कि विश्व परिवर्तन का कार्य नारी शक्ति के द्वारा ही आगे बढ़ेगा और आज ब्रह्माकुमारी संस्था की मातायें बहनें, 140 देषों में समर्पित भाव से शांति दूत बनकर, मानव उत्थान का कार्य कर रहीं हैं। भ्राता बी.पी.अग्रवाल वरि. प्रब्रधक एन.टी.पी.सी ने कहा कि मातेश्वरी के आशीष वचन और पद चिन्हों पर चलें तो यही मातेष्वरी के लिये सच्ची श्रद्धान्जली होगी। डाॅ. के.सी देबनाथ, संचालक अक्षय हास्पिटल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। भ्राता शेखर राम ने मंच का संचालन किया। ब्रह्माकुमारी रूकमणी बहन ने सभी को प्यार से ब्रह्मा भोजन स्वीकार कराया। बहन लवलीन, बहन चम्पा और भ्राता शांतिलाल ने भजन की प्रस्तुति दी।
मातेश्वरी जगदम्बा की विशेषतायेंः-
1.मातेश्वरी शक्ति स्वरूपा बन सभी की पालना करती थीं।
2. वे बहुत निर्भीक और दूरदर्शी थीं।
3.वे सभी को मातृ प्रेम की भासना देती थीं।
4. वे आयु में छोटी थीं लेकिन वे सभी को सम्मान और आगे बढ़ने का समान अवसर देती थीं।
5. वे हर ईश्वरीय आज्ञा को सद्गुरू का आदेश मानती थीं।
6. उनमें संगठन को चलाने की शक्ति थी, उनमें सबको साथ लेकर चलने की कुशल कला थी।
7. वे कुशाग्र बुद्धि और मिलनसार थीं।