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NASHA MUKTI WEEK 2OCT TO 8 OCT 2018
नशा-मुक्ति सप्ताह 2से 8 अक्टूबर 2018 तक
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती
1.राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर जिला प्रशासन और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में नशा मुक्ति सप्ताह के अंतर्गत अंचल में अनेकानेक कार्यक्रम आयोजित किये गये।
2. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के विश्व सद्भावना भवन के सभागार में नशा मुक्ति सप्ताह 2से 8 अक्टूबर तक का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन करके किया गया। बहन कमलजीत कौर प्राचार्य के.एन. कालेज ने कहा मैंने गांधी जी का जीवन दर्शन का अध्ययन बहुत गहराई से किया है। यह सत्य और अहिंसा का शस्त्र होने के साथ साथ आत्मज्ञान का विज्ञान भी है। बापू जी का कहना था कि मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन। भ्राता योगेश जैन पार्षद वार्ड क्र. 13 नगर पालिक निगम कोरबा ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मेरे वार्ड में ब्रह्माकुमारीज की संस्था है और समय प्रति समय मुझे भी वे सेवा का अवसर देती रहती हैं। बहन मनोरमा शर्मा पूर्व पार्षद ने कहा कि आज मैं इस पावन अवसर पर स्वयं को नशा मुक्त बनाने का संकल्प लेती हूॅं। बहन मधु पाण्डेय वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि बच्चों को हर सम्भव प्रयास करके नषे के वातावरण से बचाना चाहिए। यदि उसकी कोई शिकायत है तो उसे प्यार से समझाना चाहिए। बहन इंदु शर्मा अध्यक्ष ममत्व प्रसार समिति गौ-मुखी सेवाधाम देवपहरी ने कहा कि बापू जी को सच्ची श्रद्धांजली तभी होगी जब हम बाह्य स्वच्छता के साथ-साथ आंतरिक स्वच्छता को अपनायें। स्वयं के मन को मंदिर बनायें और नशे से दूर रहें। डाॅ. के.सी देबनाथ अक्षय हास्पिटल ने कहा कि तम्बाकू में 400 रासायनिक तत्व शरीर को नुकसान पंहुचाते हैं। जिसमें निकोटिन ऐसा पदार्थ है जो लत पैदा करता है। पोटेशियम सायनाईड के बाद निकोटिन सबसे जहरीला पदार्थ है, जो कि घातक बीमारी कैन्सर का कारण बनता है। बहन पापिया चतुर्वेदी प्रोफेसर मिनीमाता शा. कन्या महाविद्यालय ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने नारी शक्ति को जागृत किया। नारियां चार दीवारी और पर्दे से निकल गांधी जी के साथ आंदोलन में भाग लेने लगी थी। वे अपने गहने भी उतार कर बापू जी को अर्पित कर देती थीं। ब्रह्माकुमारी विद्या बहन ने मन की शांति के लिये राजयोग का अभ्यास कराया। मंच का संचालन शेखर राम ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन ब्रह्माकुमारी रचना बहन ने किया।
3. नगर पालिक निगम कोरबा के सभागार में आयोजित परिचर्चा में अपने विचार व्यक्त करते हुए ब्रह्माकुमारी सारिका बहन ने कहा कि ईश्वर को निहारने के बजाए उसके अस्तित्व का अहसास करने की कोशिश करना चाहिए। ईश्वर हर अच्छे कार्य में हमारा साथ देता है, उसे बिगड़ी को बनाने वाला कहा जाता है। आपने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिये हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए। भ्राता अखिलेश शुक्ला सहायक अभियंता नगर पालिक निगम कोसाबाड़ी जोन ने कहा कि नशा एक सामाजिक बुराई है, जो तन मन धन और संबंधों को हानि पहंुचाते हैं। सरकार को इस ओर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। भ्राता कमल कर्माकर पूर्व महाप्रबंधक बाल्को, उदयनाथ साहू व्याख्याता, भ्राता के वी एस एन अभियंता ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
4. शा.उ.मा. वि. उरगा में आयोजित कार्यक्रम में बहन पुष्पा श्रीवास ने कहा कि नशे तो अनेक प्रकार के हैं लेकिन गुटका पाउच की उपलब्धता सहज है और इसके दूरगामी परिणाम बहुत ही घातक है। बच्चों को नशे से दूर रह कर कुछ रचनात्मक कार्य करना चाहिए। भ्राता के. सी देवनाथ अक्षय हास्पिटल कोरबा ने नशे के विभिन्न प्रकार पर प्रकाश डाला। आपने कहा कि शराब से 60 प्रतिशत दुर्घटना का कारण बनती है। बहुतकाल शराब के सेवन से लीवर खराब हो जाता है। सिरोसिस जैसी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। मस्तिष्क की कार्य प्रणाली का अनियंत्रण और उच्च रक्तचाप हो सकता है। ब्रह्माकुमारी रीतांजलि बहन ने बच्चों को नशे से दूर रहने की प्रतिज्ञा कराई।
5. सरस्वती शिशु मंदिर रजगामार में भ्राता अलख नारायण शर्मा प्राचार्य ने कहा कि ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा चलाया जा रहा नशा मुक्ति अभियान के साथ राजयोग प्रशिक्षण बच्चों को नशे से दूर रहने की प्रेरणा देता है। बहन षांति सिंह ने बच्चों को नशा मुक्ति के लिये शपथ दिलाई।
6.शा.उ.मा.विद्यालय एन.सी.डी.सी कोरबा में भ्राता शर्मा जी व्याख्याता,ब्रह्माकुमारी सारिका बहन, ब्रह्माकुमारी लीना बहन, बहन रश्मि शर्मा द्वारा नशा मुक्ति के लिये प्रेरणा दी।
7. एम.एल.सी.कम्प्यूटर कालेज कोरबा में आयोजित कार्यशाला में भ्राता अविरत शर्मा, भ्राता राजकुमार सिंह, बहन सारिका यादव व्याख्यातागण तथा विद्यार्थियों में दादू साहू, धीरज यादव, प्रदीप बोढ़क, कुमारी मंदोदरी ने अपने विचार व्यक्त किये। बहन सारिका शर्मा प्राचार्या ने अभियान के प्रति अपनी शुभकामनायें प्रेशित की।
8. शा. हाई स्कूल पोड़ीबहार में आयोजित परिचर्चा भ्राता एस.के. पाठक प्राचार्य ने कहा कि जहां भी अच्छी चीजें मिलती हैं उन्हें आत्मसात करना चाहिये। नशे से स्वयं को दूर रखें। ए.पी. शुक्ला व्याख्याता ने कहा मुझे तो बच्चों को पढ़ाने का नशा है। बहन पूजा शर्मा प्रशिक्षु बी-एड ने कहा कि मुझे नशा है पढ़ने पढ़ाने और नृत्य करने का। मुकेश श्रीवास, ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
9. विद्युत गृह उ.मा.वि. में युवा अनीश शर्मा ने कहा कि व्यक्ति को जीवन की उचाईयों को प्राप्त करने का नशा होना चाहिए। भाई संतोश सारथी ने अपने जीवन का अनुभव सुनाते हुए कहा कि मैंने पढ़ाई 8वीे के बाद आबारा बच्चों का संग लग गया और मैं सभी प्रकार के नशे में लिप्त हो गया। 10 वर्श के बाद जब मैं ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़ा तो आज मैंने 12 वीं पास कर ली है और अपना स्वयं का व्यापार फोटो स्टूडियो की अपनी दुकान है।
10. इंदिरा गांधी 100 शैय्या जिला चिकित्सालय, दक्षिण पूर्वी कोयला प्रक्षेत्र कोरबा, छ.ग. रा. वि उ.कं. लि. के साथ अनेक स्थानों पर चित्र प्रदर्शनी लगा कर नशा मुक्ति के लिये जन जागृति लाई गई। जिला प्रशासन कोरबा ने नशा मुक्ति अभियान के संचालन के लिये विशेष योगदान दिया।
11. जनपद पंचायत करतला में आयोजित कार्यशाला में भ्राता आर. एन. मिश्रा पंचायत निरीक्षक ने कहा कि नशा करने वाले स्वयं ही स्वयं के लिये गड्ढ़ा खोद रहें हैं। जब मालूम है कि बिजली का तार है, तो क्यों छूने का प्रयास करते हैं। जो चीजें नुकसानदायक हैं, उन्हें नहीं खाना चाहिए। भ्राता के.वी.एस.एन. प्रसाद अभियंता छ.रा.वि.उ.क लि. ने कहा करतला विकास खण्ड को यदि नशा मुक्त बनाना है तो हम सभी को मिल कर एकजुट होकर इस अभियान में अपनी सहभागिता निभानी होगी। भ्राता जी.के. मिश्रा मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने अभियान के प्रति अपनी शुभकामनाये की। नशा मुक्ति के लिये होम्योपैथी की दवायें भी उपलब्ध कराई्र गईं।
Jamnipali
SHRIMAD BHAGWAD GITA KATHA-BALGI

सात दिवसीय श्रीमद् भागवत गीता बल्गी में
बल्गीः12/12/2019-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व-विद्यालय के तत्वाधान में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत गीता का आयोजन दिनांक 11 दिसम्बर 2019 से 17 दिसम्बर तक दोपहर 3ः00 बजे से जे आर.सी. क्लब बल्गी के समीप किया गया है। कार्यक्रम का शुभारम्भ कलश यात्रा निकाल कर किया गया। ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन ने कहा कि हर कर्म का फल उसकी परछाई के साथ, उससे जुड़ा हुआ है। इसलिये उससे प्राप्त होने वाले फल की आश नहीं रखनी चाहिए। जो जितना समर्पण भाव और भावना के साथ कर्म करता है, उसका फल उतनी ही प्रालब्ध के साथ जुड़ जाता है। राजयोग की शिक्षायें श्रेष्ठ कर्म करने तथा नर से नारायण बनने का मार्ग प्रशस्त करती हैं। नष्टोमोहा बनने के साथ साथ अपनी भावना वृहद और सर्व के कल्याण प्रति कर्म करना ही, श्रेष्ठ कर्म की श्रेणी में गिना जायेगा। इसलिये भगवान ने अर्जुन को कहा कि इस पवित्र ज्ञान का प्रतिदिन अध्ययन कर जो श्रद्धा से सुनेगा और सुनायेगा, तो सर्व पापों से मुक्त हो और स्वर्ग में श्रेष्ष्ठतम प्रालब्ध का अधिकारी बनेगा।
बल्गीः16/12/2019-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व-विद्यालय के तत्वाधान में जे आर.सी. क्लब बल्गी के समीप आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत गीता में ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रीमद्भगवत गीता के अध्याय 6 ष्लोक 33-35 में अर्जुन बोले-हे मधुसूदन! जो यह योग आपने समभाव से कहा है, मन के चंचल होने से मैं इसकी नित्य स्थिति को नहीं देखता हूॅं। क्योंकि यह मन बड़ा चंचल प्रमथन स्वभाव वाला, बड़ा दृढ़़ और बलवान है। इसलिये उसको वश में करना मैं वायु को रोकने की भांति अत्यंत दुष्कर मानता हूॅं। श्री भगवन् बोले- हे महाबाहो! निःसन्देह मन चंचल और कठिनता से वष में होने वाला हैै। परन्तु हे कुन्तीपुत्र अर्जुन! यह अभ्यास और वैराग्य से वश में होता है।
आत्मा की शक्तियों का वर्णन करते हुए ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन ने कहा कि आत्मा इन कर्म इन्द्रियों का राजा अर्थात् मालिक है। मन-बुद्धि-संस्कार आत्मा की सूक्ष्म महामंत्री हैं। स्वराज्य अधिकारी बनने का विशेष साधन हैं मन और बुद्धि हैं। मन बुद्धि को आर्डर प्रमाण विधि पूर्वक कार्य में लगाने वाले ही निरन्तर योगी हैं। मन्त्र ही मन्मनाभव का है। योग को बुद्धियोग कहते हैं। स्वयं आत्म-निरीक्षण करो कि ये विषेश आधार स्तम्भ, स्वयं के अधिकार में हैं अर्थात्् आर्डर प्रमाण विधि-पूर्वक कार्य करते हैं। आप जो संकल्प जब करना चाहो, वैसा संकल्प कर सको। जहाॅं बुद्धि को लगाना चाहो वहां लगा सको। बुद्धि आप राजा को भटकाये नहीं। विधिपूर्वक कार्य करें तब कहेंगें, निरन्तर योगी। मन-बुद्धि सदा व्यर्थ सोचने से मुक्त हो। मन्मनाभव के मन्त्र का सहज स्वरूप हो। मन्सा शुभ भावना, श्रेष्ठ कामना, श्रेष्ठ वृत्ति और श्रेश्ठ वायब्रेषन से सम्पन्न हो। सहज राजयोग का आधार ही है। स्वच्छ मन और क्लीन और क्लीयर बुद्धि। मन में सदा हर आत्मा के प्रति शुभ-भावना और शुभ कामना हो- यह है स्वच्छ मन। अपकारी पर भी उपकार की वृत्ति रखना- यह है स्वच्छ मन। मन में व्यर्थ व निगेटिव के छोटे व बड़े दाग न हो। संस्कार इजी और मिलनसार हो। संसार सागर की विभिन्न वातावरण की लहरों को देख आपका मन विचलित न हो क्योंकि भावी अटल है और समय परिवर्तनशील है। जहां मैं पन आता हैं तो उसे प्रभु प्रसाद समझकर अर्पण कर दो तो अहंकार की उत्पत्ति नहीं होगी। कर्मातीत स्थिति का भाव है मुर्दा स्थिति अर्थात् मान, शान, निन्दा, स्तुति व सर्व आकर्षण से परे लगाव मुक्त, निर्लेप स्थिति। संसाधनों का उपयोग अवश्य करें लेकिन हमारी साधना व कर्मयोग की स्थिति हो। ऐसे बेहद के वैरागी ही सच्चे राजऋषि हैं।
ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन का स्वागत भ्राता अरविन्द पाटनवार, अयोध्या लहरे, रामराज, बहन संगीता, बहन पार्वती ने पुष्प गुच्छ से किया। बहन पार्वती, नेहा, कंचन, ब्रह्माकुमारी रीतांजलि भ्राता लक्ष्मीनारायण, गौतम, शांति, ने गीत और भजन की प्रस्तुति। कु.साची, कु.माही ने स्वागत नृत्य की प्रस्तुति की।
Korba
ENERGY CONSERVATION DAY

उर्जा संरक्षण कार्यशाला एवं रैली का आयोजन
कोरबाः14.12.2019-विश्व सद्भावना भवन कोरबा से उर्जा संरक्षण जन जागृति रैली निकाली गई। अभियान रैली शा. हाई स्कूल रूमगराा पंहुचने पर विद्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया। डाॅ. के.सी. देबनाथ ने कहा कि आज युवाओं को जाग्रत होने की आवश्यकता है। आज हम यदि ठण्डे पानी से नहाते हैं तो अधिक स्फूर्ति का अनुभव करते हैं। आपने कहा कि जहां 9 वाॅट के एल.ई.डी से काम चल जाता है वहां 40 वाॅट की ट्यूब लाईट लगाने की क्या आवश्यकता है। साइकिल चलाने से शरीर की आंतरिक उर्जा बढ़ती है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है। साइकिल चलाने से वी.पी. और शुगर पर भी नियंत्रण प्राप्त होता है। बहन उशा नेताम प्राचार्या ने कहा कि प्रकृति से साथ रहना सीखें। शारीरिक व्यायाम से शरीर तो स्वस्थ होता ही लेकिन इसका प्रभाव मन पर भी पड़़ता है। हमें अपने उत्तरदायित्वों के प्रति सचेत रहना है। बिजली पानी की बचत करना है। ब्रह्माकुमारी आशा बहन ने कहा कि प्रकृति के तत्व जल, वायु, अग्नि आदि को देव की श्रेणी में गिना जाता। यदि प्रकृति के पांचों तत्वों को अपने सकारात्मक मन के प्रकम्पन और सम्मान की भावना देगें तो वे आपके सहयोगी बन जायेगें। ब्रह्माकुमारी मेघा ने का कि संकल्पों की उर्जा को पहचानों और उसे सही दिशा देने का प्रयास करो। जैसा हमारे विचार चलते हैं वैसा ही हम अपने जीवन का निर्माण करते हैं। आत्म संयम नियम ही जीवन की शोभा है। बहन विलक्षणा शर्मा व्याख्याता ने कहा कि उर्जा की बचत करने के लिये साधन और संसाधनों का उतना ही उपयोग करें जितना आवष्यक हैं। ब्रह्माकुमारी जितेश्वरी बहन ने राजयोग के अभ्यास से मनोबल को बढ़ाने का अभ्यास कराया। भ्राता उदयनाथ साहू व्याख्याता ने मंच का संचालन किया तथा कु. मोरवा लकडा 9वीे ने गीत की प्रस्तुति दी। ब्रह्माकुमार सहस, रोहित, देवेन्द्र ने भी अपने विचार व्यक्त किर्ये।
Korba
WORLD ROAD ACCIDENTS REMEBRANCE DAY

विश्व यादगार दिवस-सड़क दुर्गटना पीड़ितों की
स्मृति में कार्यक्रम सम्पन्न
कोरबाः22.11.2019-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के विष्व सद्भावना भवन टी.पी. नगर कोरबा में विश्व यादगार दिवस-सड़क दुर्घटना पीड़ितों की स्मृति में कार्यक्रम सड़क दुर्घटना में जीवन गंवाने वालों के लिये आत्मिक षांति तथा षोक संतप्त परिवारों को मानसिक संबल देने के लिये आयोजित किया गया। इस अवसर पर भ्राता डाॅ. के.सी. देवनाथ ने कहा कि बीमारी व नषे की हालत में वाहन नहीं चलाना चाहिये। आपने कहा कि रोड का अच्छा होना तथा वाहनों में खराबी न होना भी दुर्घटनाओं में कमी लाता है। भ्राता जी. साहू कार्यपालन अभियंता सी.एस.पी.जी.सी.एल कोरबा ने कहा कि वाहन चलाते समय यातायात नियमों पर ध्यान देना आश्यक है। इसके साथ बहुत आवश्यक हो तो वाहन को किनारे रोक कर मोबाईल पर बात करना चाहिए। ब्रह्माकुमारी पूजा बहन ने कहा कि वैसे तो आत्मा अजर अमर अविनाशी है जो कि षरीर रूपी कपड़े धारण करती है। लेकिन अचानक इसका दुर्घटना ग्रस्त होना बड़ा ही दर्दनाक होता है। ऐसी आत्माओं को शांति प्रदान करने तथा उनके परिवारों को संबल व शक्ति प्रदान करने के लिये हम सभी ईश्वर से प्रार्थना करेगें। भ्राता शेखरराम ने मंच का संचालन किया
ब्रह्माकुमारीज पाठशाला कटघोरा परिसर में आयोजित कार्यक्रम में भ्राता एफ.एल. रात्रे उच्च वर्ग शिक्षक पूर्व मा.शा. कटघोरा ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण है कि हम उन आत्माओं को शांति का दान देकर ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे भटकने से बच जायें और उनको फिर से जन्म मिलने में सहायक हो। भ्राता दीपक गर्ग शिक्षक पूर्व मा. शा. नगोई बछेरा ने कहा कि यह संसार एक आवागमन की स्टेज है, मृत्यु तो कुछ कारण से ही होती है लेकिन जब किसी की आकस्मिक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो वह बड़ी ही असहनीय और दर्दनाक होती है। आज इस श्रद्धांजली कार्यक्रम में हम सभी मिलकर उन सभी आत्माओं के लिये षांति के प्रकम्पन देगें। ब्रह्माकुमारी सैजल बहन ने कहा कि मन का शंात और संतुलित होना आवष्यक है। कहीं भी बाहर यात्रा पर निकलने के पहले अपने ईष्ट का स्मरण करके निकले तो अच्छा होगा, जिससे मन को शक्ति मिल जायेगी।